Gandasa Guru Ki Shapath (Hardcover, Kundan Yadav)
हिंदी साहित्य में सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ एक ऐसे साहित्यकार रहे हैं जिन्होंने ख़ुद को वर्षों से चली आ रही साहित्य की परिपाटी के प्रवाह में बहने नहीं दिया, बल्कि वे हमारे सामने युग निर्माण की प्रक्रिया में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने के रूप में प्रस्तुत हुए। निराला का जीवन सतत् संघर्षों के घिराव में गुज़रा, लेकिन इस संघर्ष ने उनके साहित्य की क्रांति को प्रतिबद्ध नहीं किया। बावजूद इसके, इनके साहित्य ने चेतना एवं सामर्थ्यता के साथ नूतन परिवेश का आविर्भाव किया। इस पुस्तक को पाठक के बीच लाने का हमारा उद्देश्य ही निराला की महत्ता को समझने से है।
Additional information
Weight | 0.4 kg |
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Dimensions | 20 × 12 × 5 cm |
language | Hindi |