Ila (Sanskrit, Paperback, Prabhakar Kshotriya)
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‘इला’ प्रभाकर श्रोत्रिय का बड़ा ही चर्चित और महत्त्वपूर्ण नाटक है। इसके भीतर स्त्री अस्मिता के प्रश्न को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। खुद लेखक ने अपनी इस कृति पर कहा है, ‘यह कहानी अनादि काल से हो रहे स्त्री के अपहरण, उसके साथ बलात्कार और उसके लिए जातियों के परस्पर युद्धों की कहानी है।’ इस नाटक की कथा मनु और श्रद्धा की पुत्री ‘इला’ पर आधारित है। दरअसल मनु पुत्र प्राप्ति हेतु एक कामेष्टि यज्ञ करता है लेकिन श्रद्धा एक पुत्री को जन्म देती है। कथा के इस मूल बिंदु से ही नाटक का विस्तार और समापन इला के पुत्र पुरुरवा के राज्याभिषेक की तैयारी पर होता है। नाटक के माध्यम से स्त्री-संघर्ष को पाठकों के सामने रखने का प्रयास लेखक ने किया है।
Additional information
language | Hindi |
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