Mera jeevan mera sangharsh (Paperback, NEERA ARYA)
05 मार्च, 1902 को खेकड़ा मे जन्मी महान स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य, आजाद हिंद फौज मे रानी झांसी रेजिमेंट की सिपाही थी ,जिन्होने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जान बचाने के लिए अपने ही पति की हत्या कर डाली थी | साहसपूर्ण कदम को उठने के लिए नेताजी ने इन नागिन नाम दिया था | नीरा नागिन के जीवन पर कई लोक गायक ने भजन और कवियों ने महाकाव्य तक लिखे हैं,लेकिन यह किताब सव्यं नीरा आर्या दावरा लिखी गई उनकी अपनी आत्मकथा है| इसे सर्वप्रथम 1966 में दीनानाथ मल्होत्रा ने सरस्वती विहार के प्रकाशन से छपा था | आपातकाल में यह पुस्तक प्रतिबंध हो गई और प्रकाशक ने लेखिका को इसके अधिकार वापस कर दिए | 1966 में आत्मकथा को हैदराबाद के एक समाचार पत्र में धाराविक प्रकाशित किया गया और अब इसे स्वतंत्रता के अमृतमहोत्सव के अवसर पर पुन:पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है,क्योकी यह आत्मकथा स्वतंत्रता आंदोलन का एक जीवन्त अध्याय है
Additional information
language | Hindi |
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