Aab Katek Chup Rahoo

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दीप नारायण मधुबनी जिलाक भटचौड़ा गामक श्री रामपुकार मंडलक सुपुत्र प्राथमिक लेखन दीप नारायण विद्यार्थीक नामसँ कएनिहार दीप नारायण (15 फरवरी 1984), गजल विधापर साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार पओनिहार मैथिलीक पहिल कवि/लेखक छथि। ई गजलक संगहि कविता, गीत, लघुकथा, आलेख, यात्रा-संस्मरण आदिमे सेहो निरन्तर कलम चलबैत आएल छथि। लोक आ समाजसँ गहीँर सम्बन्ध रखनिहार युवा कवि दीप नारायण समकालीन मैथिली कविताक प्रमुख युवा कवि छथि। हिनक विषय-विविधता आ दृष्टि-परिधिक सिमान बहुत अइल-फइल छैन्हि। दीप नारायणजीक कविता संवाद करैत अछि, बतियाइत अछि अपन पाठकसँ। एहि विशिष्टताक कारणेँ हिनक रचना बेसी आत्मीय होइत छैन्हि। हिन्दी एवं मैथिली साहित्यमे स्नातकोत्तर दीप नारायणजीकेँ साहित्यक संग-संग चित्रकलामे सेहो विशेष अभिरुचि छैन्हि। हिनक माए श्रीमती धनेश्वरी देवी मिथिला चित्रकला आ सिक्की-मौनीक सिद्धहस्त कलाकार छथि। एहि तरहेँ कहि सकैत छी जे सृजनशीलता हिनक सोनितमे समाहित छैन्हि। वर्ष 2014मे हिनक पहिल पोथी जे कहि नञि सकलहुँ (मैथिली गजल-संग्रह) प्रकाशित भेलनि आ बेस चर्चित सेहो भेलनि। 2015मे एहि पोथी पर चेतना समिति पटनासँ डॉ. माहेश्वरी सिंह ‘महेश’ ग्रंथ पुरस्कार आ साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार (2016) प्राप्त भेलन्हि। हिनक एहि पुरस्कारसँ मैथिली गजलक ख्याति आओरो बढ़लैक अछि। ई अनुप्रास नामक सहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाक संस्थापक एवं समकालीन मैथिली साहित्यक रचनात्मक पत्रिका अनुप्रासक सम्पादक छथि। देशक कतेकहु जगहपर भारतीय भाषा-साहित्यक संगोष्ठीमे मैथिलीक प्रतिनिधित्व क’ चुकल दीप नारायण बिहार सरकारक शिक्षा विभागमे प्रभारी प्रधानाध्यापक रूपेँ कार्यरत छथि। मधुबनीकेँ साधना-स्थल बनाए क्रियाशील रहल दीप नारायण कवितामे डूबल रहैत छथि आ कविता हिनकामे। रचनाशीलतासँ ओतप्रोत दीप नारायणक कलमसँ अनुखन साहित्य फुटैत रहैत अछि जेना कोनो बीआ धरती फाड़िक’ बहराइत अछि।

 

  • Language: Hindi
  • Binding: Paperback
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Genre: Reportage
  • ISBN:  9789390971961
  • Pages: 127
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SKU: 9789390971961 Category:

दीप नारायण अपन जीवनक भोगल यथार्थकेँ अपन शब्द-शिल्प, उद्भावना आ कुशल अभिव्यक्तिक माध्यमे समकालीन मैथिली कविताक क्षेत्रमे अपन बेछप उपस्थिति दर्ज कएलनि अछि। —तारानन्द वियोगी दीप नारायणक कवितासँ समकालीन मैथिली कवितामे निस्संदेह सम्भावनाक एकटा नव बाट फुजैत अछि। —नारायणजी दीप नारायण मैथिलीक लोकप्रिय कवि छथि। मैथिली कविता आ समकालीन भारतीय कविता हिनक लेखनीसँ समृद्ध हैत। —विद्यानन्द झा दीप नारायण, सरल सुबोध भाषामे दैनिक जीवनक बहुत रास शब्द जकर अंकुरण मिथिलाक माटिपानिमे भेलैक, ओकरा अपन रचनात्मक कौशलसँ प्रभावी अर्थ दए, ‘आब कतेक चुप रहू’ लिखि एकटा सार्थक काज कएलनि अछि। प्रयुक्त प्रतीक-विम्बमे मानवीय-संवेदनाक अन्तर्वर्ती सौन्दर्य कवितासभकेँ विशिष्ट बनबैत छैक। लोक–संवेदनाक एहि कविक लिखबाक अपनहि ढ’ब-ढर्रा छनि। जीवनक भोगल यथार्थकेँ अनुभूतिक र’हीसँ र’हिक’ मानवीय संवेदनाक प्रतीति गढ़बामे निष्णात कवि दीप नारायणक कविताक बगएमे फूटल बकार समकालीन मैथिली कविताक एक विशिष्ट हाक भ’ सकैत अछि। अपन मौलिक शिल्पगत वैशिष्ट्यसँ काव्य-जगतमे फूट पहिचानक संग ई प्रतिष्ठित होएताह से हमर विश्वास अछि। —कीर्ति नारायण मिश्र

Additional information

Weight 0.4 kg
Dimensions 20 × 12 × 5 cm
brand

Natham publication

Genre

Reportage

Binding

Paperback

language

Hindi

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