Rayata Fail Gaya
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18 जुलाई 1975 को जन्म। नागपुर विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद कोलकाता के भवन्स से मास कॉम में डिप्लोमा। तीन सालों तक कोलकाता के एक लोकल समाचार चैनल ‘ताजा टीवी’ में डेस्क एडिटर। राजस्थान पत्रिका में फ्रीलाॉन्सिंग। लंबे समय से ऑल इंडिया रेडियो में रेडियो जॉकी, वाइसओवर आर्टिस्ट, रेडियो ड्रामा आर्टिस्ट, कमर्शियल राइटर।.
- Binding: Paperback
- Publisher: Hind Yugm Blue
- Genre: Book
- Edition: 2021
- Pages: 192
उपन्यास के मुख्य पात्र की पुलिस की लापरवाही से मौत हो जाती है। दोष छुपाने के लिए पुलिस उसे आतंकवादी बता एनकाउंटर में मार गिराने का दावा करती है। समाचार जगत यानी मीडिया बिना जाँच किए, आधारहीन तथ्यों के आधार पर उसे आतंकवादी बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती है। पुलिस और मीडिया उसे आतंकवादी बना देते हैं। जहाँ पुलिस यह गुनाह अपनी गर्दन बचाने के लिए करती है तो मीडिया टीआरपी की होड़ में आगे निकलने के लिए नैतिकता और सच्चाई को पीछे छोड़ एक नए सच को जन्म देता है। एक घातक सच को, कहानी के अंत में मृतक को इंसाफ मिलता है, दोषियों को सजा मिलती है पर मीडिया… मीडिया अब मृतक के लिए आँसू बहाता है। अब उसे पाक-साफ बताता है जिसे खुद उसी ने आतंकवादी बनाया था। वर्तमान समय में मीडिया खबरें दिखाने की जगह खबरें बनाने में जुटा हुआ है जो चिंता का विषय है। मृतक की बहन सवाल करती है कि उसके भाई के दो गुनहगार थे। एक को तो सजा मिली पर दूसरे को कब सजा मिलेगी? सरकारों और मीडिया के बीच एक अघोषित सत्ता-संघर्ष छिड़ा हुआ है, उसकी झलक भी कहानी में मिलेगी। मृतक को मुर्गा कहकर क्यों संबोधित किया गया है, यह तो आपको कहानी पढ़ने के बाद ही पता चलेगा। कहानी काल्पनिक है, पर प्रासंगिक जान पड़ेगी। ‘रायता फैल गया’ एक व्यंग्यात्मक रचना है।.
Additional information
Weight | 0.4 kg |
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Dimensions | 20 × 12 × 5 cm |
brand | Natham publication |
Binding | Paperback |
language | Hindi |
Genre | Poetry |