Bheel Vidroh : Sangharsh Ke Sawa Sau Saal

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उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में 1961 में जन्म। विज्ञान से स्नातकोत्तर। विगत तीन दशकों से हिंदी कथा साहित्य में हस्तक्षेप। अब तक तीन कविता-संग्रह— ‘आशा’, ‘क़ैद में है ज़िंदगी’, ‘गाँव हुए बेगाने अब’; पाँच कहानी-संग्रह— ‘हाकिम सराय का आख़िरी आदमी’, ‘बूचड़ख़ाना’, ‘होशियारी खटक रही है’, ‘लाला हरपाल के जूते’, ‘लाल बत्ती और गुलेल’; कबीर पर शोधात्मक पुस्तक— ‘कबीर हैं कि मरते नहीं’, इतिहास पर— ‘चौरी चौरा : विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन’, ‘अवध का किसान विद्रोह (1920-22)’, ‘टंट्या भील : द ग्रेट इंडियन मूनलाइटर’, ‘चौरी चौरा पर औपनिवेशिक न्याय’ (शीघ्र प्रकाश्य); पाँच संपादित पुस्तकें—‘कथा में गाँव’, ‘जातिदंश की कहानियाँ’, ‘लोकरंग-1’, ‘लोकरंग-2’, ‘लोकरंग-3’ प्रकाशित। कथादेश पत्रिका के किसान विशेषांक, ‘किसान जीवन का यथार्थः एक फ़ोकस’ का संपादन। वर्ष 1998 से लोकरंग पत्रिका का संपादन। प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में 350 के लगभग आलेख।

‘सृजन सम्मान’, ‘प्रेमचंद स्मृति कथा सम्मान’, ‘18वाँ आचार्य निरंजननाथ सम्मान-2016’।

 

  • Language: Hindi
  • Binding: Paperback
  • Publisher:  Hind Yugm
  • Genre: Fiction
  • ISBN: 9788195306107
  • Pages: 352
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SKU: 9788195306107 Category:

1800 से 1925 ई. के मध्य, भील क्षेत्रों के लगभग दो सौ से अधिक भील मुखियाओं का संघर्ष कभी प्रकाश में नहीं आया था। खानदेश, मध्यभारत और महाराष्ट्र के ज्यादातर भील विद्रोह अछूते रह गए थे। 1857 के विद्रोह का जिक्र करते समय काजी सिंह, भीमा नायक, भागोजी, पुत्ता सिंह, मवासिया, खाला नायक, दुलार सिंह, सीताराम बावा, रघुनाथ सिंह मंडलोई, भोमिया बिसेन सिंह और कालू बाबा आदि के योगदान को भुला दिया गया था। एक दमित, अशिक्षित और प्रताड़ित समाज के संघर्षमय इतिहास की यह अनदेखी वाकई में चिंता का कारण इसलिए भी है कि भीलों ने देशहित में कभी पीठ न दिखाई। महात्मा गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी आंदोलनों के प्रारंभ हो जाने के बाद, 1925 तक उन्होंने लगातार संघर्ष किया, अपनी कुर्बानी दी। इस पुस्तक में संपूर्ण मध्यभारत, खानदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के भील क्षेत्रों के विद्रोहों को नए दस्तावेजों के आधार पर संग्रहित करने का प्रयास किया गया है। नए दस्तावेजों के आधार पर टंट्या भील एवं उनके सहयोगियों के जीवन संघर्षों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है।

Additional information

Weight 0.4 kg
Dimensions 20 × 12 × 5 cm
brand

Natham publication

Genre

Fiction

Binding

Paperback

language

Hindi

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