Somnath (Hindi, Paperback, Chatursen Acharya)
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आचार्य चतुरसेन जी साहित्य की किसी एक विशिष्ट विधा तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने किशोरावस्था में कहानी और गीतिकाव्य लिखना शुरू किया, बाद में उनका साहित्य-क्षितिज फैला और वे जीवनी, संस्मरण, इतिहास, उपन्यास, नाटक तथा धार्मिक विषयों पर लिखने लगे।
शास्त्रीजी साहित्यकार ही नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक आचाय चतुरसन भी थे। वैद्य होने पर भी उनकी साहित्य-सर्जन में गहरी रुचि थी। उन्होंने राजनीति, धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास और युगबोध जैसे विभिन्न विषयों पर लिखा। 'वैशाली की नगरवधू', 'वयं रक्षाम' और 'सोमनाथ', 'गोली', 'सोना और खून' (तीन खंड), 'रत्तफ की प्यास', 'हृदय की प्यास', 'अमर अभिलाषा' 'नरमेघ', 'अपराजिता', 'धर्मपुत्र' सबसे ज्यादा चर्चित कृतियाँ हैं।.
भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यात्री ठठ-के-ठठ बारहों महीने इस महातीर्थ में आते और सोमनाथ के भव्य दर्शन करते थे। अनेक राजा-रानी, राजवंशी, धनी-कुबेर, श्रीमंत-साहूकार यहां महीनों रुके रहते थे और अनगिनत धन-रत्न, गांव-धरती सोमनाथ के चरणों में चढ़ा जाते थे।
उसी अवर्णनीय, अतुलनीय वैभव से युक्त सोमनाथ के पतन की करुण कथा और सुलतान महमूद गजनवी के br>सत्रहवें आक्रमण की क्रूर कहानी है।
इसमें वीरता और निष्ठा भी है, तो कायरता और स की घृणित तस्वीर भी। कहीं स्नेह और प्रेम के धागे हैं, तो कहीं निष्ठुरता और जुल्म के बर्छ-भाले भी।
यह एक ऐसा उपन्यास है, जो पाठक के सामने एक पूरे युग का सम्पूर्ण चित्र खड़ा कर देता है। एक-एक दृश्य जीता-जागता और दिल को छू लेने वाला है।.
Additional information
Weight | 0.24 kg |
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Dimensions | 20 × 12 × 2 cm |
language | Hindi |
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